उत्तर प्रदेश, बदायूं/सहसवान-: योगी सरकार ने प्राइवेट कर्मचारियों को सरकारी कार्यालय में किसी भी प्रकार का कार्य करने पर पूर्ण रूप से रोक लगा दी। प्राइवेट कर्मचारियों को कतई भी ना रखा जाए। सरकारी दफ्तरों में प्राइवेट कर्मचारियों द्वारा हो रही अवैध तरीके से वसूली को लेकर यूपी सरकार ने सख्ती दिखाई है। प्रमुख सचिव ने सभी मंडलायुक्त और जिलाधिकारियों को आदेश दिया है कि ‘बाहरियों’ को ढूंढ-ढूंढकर बाहर करें। उन्होंने साफ कहा है कि दफ्तरों में किसी भी कीमत पर बाहरी लोगों से काम नहीं लिया जाए। योगी सरकार के फरमान को ताक पर रखते हुए सहसवान पूर्ति कार्यालय प्राइवेट कर्मचारियों के हवाले है। पूर्ति कार्यालय में आधा दर्जन बाहरी व्यक्ति शासनादेश की अनदेखी करते हुए पूर्ति की मेहरबानी से जमे हुए हैं जो पूर्ति कार्यालय में आने वाले राशन कार्ड धारकों से संशोधन व नवीन राशन कार्ड बनाने व आधार कार्ड लिंक करने के नाम पर खुलेआम बेख़ौफ़ होकर अवैध वसूली कर रहें हैं। पूर्ति कार्यालय प्राइवेट कर्मचारियों की अवैध वसूली का अड्डा बन गया है। प्राइवेट कर्मचारियों द्वारा नगर व देहात क्षेत्रों से दलालों के माध्यम से राशन कार्ड संशोधन और नवीन राशन कार्ड बनाने के नाम पर धड़ल्ले से धन वसूली कर गरीबों का शोषण कर रहें हैं। इसके साथ ही प्राइवेट कर्मचारी सरकारी कार्यालय की गोपनीयता भंग करने से बाज़ नहीं आ रहे हैं।
आखिर किस मद से होता है प्राइवेट कर्मचारियों का भुगतान ?
तहसील के देहात क्षेत्र में लगभग 185 राशन की दुकानें हैं। “नाम न छापने की शर्त पर देहात क्षेत्र के एक राशन डीलर ने बताया कि इन प्राइवेट कर्मचारियों से पूर्ति निरीक्षक द्वारा प्रत्येक राशन डीलर से तीन हज़ार रुपये प्रतिमाह के हिसाब से वसूली की जाती है। इस तरह प्रत्येक माह में पाँच लाख पचपन हज़ार रूपए अवैध रुप से बसूला जा रहा है।” यह सब खेल एक लंबे अरसे से चल रहा है मगर प्रशासन के अधिकारी जानकारी होने के बाबजूद भी मौन धारण किए हुए है। जब शासन का स्पष्ट आदेश है कि सरकारी कार्यालयों में भ्रष्टाचार को रोकने के लिए बाहरी व्यक्तियों के काम करने पर पूर्ण रूप से रोक लगा दी गयी है फिर किसकी शह पर पूर्ति कार्यालय में खुलेआम बाहरी व्यक्तियों को काम करने की छूट दी गयी है और इन प्राइवेट कर्मचारियों का भुगतान किस मद से किया जाता है।
क्या बोले “एसडीएम प्रेमपाल सिंह”
एसडीएम प्रेमपाल सिंह ने बताया कि मुझे इस संबंध में कोई जानकारी नही है अगर कोई बाहरी व्यक्ति पूर्ति कार्यालय में काम कर रहा है तो वह शासनादेश का उल्लंघन है। किसी भी कीमत पर बाहरी व्यक्ति को सरकारी कार्यालय में काम नहीं करने दिया जाएगा। इस मामले की जांच कराकर पूर्ति निरीक्षक के विरुद्ध कार्यवाही की जाएगी।
डेस्क- राष्ट्रीय न्यूज टूडे।