उत्तर प्रदेश, बदायूं-: मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ0 रामेश्वर मिश्र ने बताया कि कुष्ठ एक जीर्ण संक्रामक रोग है, जो वैक्टीरिया के कारण होता है। यह मूल रूप से चमडी और तंत्रिकाओं को प्रभावित करता है। यदि कुष्ठ रोग का पता शुरूआत में चल जाए और रोगी का बहु औषधि से इलाज किया जाए तो रोगी अपंगता से बच जाएगा। उन्होंने आमजन से अपील करते हुए कहा कि आइए मिलकर जागरूकता फैलाएँ, भ्रांतियों को दूर भगायें, कुष्ठ प्रभावित कोई पीछे छूट न जाये।
उन्होंने कुष्ठ रोग के लक्षणों के सदर्भ में जानकारी देते हुए बताया कि जिसकी चमड़ी पर एक या अनेक ऐसे दाग धब्बे हो जिनमे सुन्नपन हो। कुष्ठ रोग के दाग धब्बे पीले, लाल या तांबई रंग के हो सकते है। इनमे खुजली नहीं होती और न कोई तकलीफ होती है, न ही पसीना आता है। इन दाग धब्बों पर ठंडा, गर्म छूने पर दर्द का अनुभव नहीं होता है। दाग समतल या उभरे हो सकते है। प्रत्येक सफेद दाग कुष्ठ रोग नहीं होता है।
उन्होंने बताया कि कुष्ठ रोग का उपचार सभी सरकारी स्वास्थ्य केन्द्रों पर निःशुल्क उपलब्ध है। जनपद स्तर पर सी०एम०ओ० कार्यालय, बदायूँ में जिला कुष्ठ परामर्शदाता डा० सुधीर कुमार गुप्ता हैं, जिनका मो0नं0 9259507878 है।
डेस्क- राष्ट्रीय न्यूज टुडे।