सृष्टि का सार तत्व परमात्मा है: आचार्य गणेश।
उत्तर प्रदेश, चंदौली/चहनियां-: मारूफपुर में चल रही श्रीमद्भागवत कथा के चौथे दिन रविवार की देर शाम को कथा व्यास आचार्य गणेश त्रिपाठी जी महाराज ने भगवान कृष्ण के जन्म एवं लीलाओं की कथा सुनाकर श्रोताओं को भावविभोर कर दिया।
कथा व्यास श्री त्रिपाठी ने कहा कि परमात्मा ही परम सत्य है। जब हमारी वृत्ति परमात्मा में लगेगी तो संसार गायब हो जाएगा। प्रश्न यह है कि परमात्मा संसार में घुले-मिले हैं तो संसार का नाश होने पर भी परमात्मा का नाश क्यों नहीं होता।इसका उत्तर यही है कि भगवान संसार से जुड़े भी हैं और अलग भी हैं। आकाश में बादल रहता है। और बादल के अंदर भी आकाश तत्व है। बादल के गायब होने पर भी आकाश गायब नहीं होता। इसी तरह संसार गायब होने पर भी परमात्मा गायब नहीं होते। संसार की कोई भी वस्तु भगवान से अलग नहीं है। कहा कि भगवान श्रीकृष्ण ने गोपियों के घरों से माखन चोरी की। इस घटना के पीछे भी आध्यात्मिक रहस्य है। दूध का सार तत्व माखन है। उन्होंने गोपियों के घर से केवल माखन चुराया अर्थात सार तत्व को ग्रहण किया और असार को छोड़ दिया। प्रभु हमें समझाना चाहते हैं कि सृष्टि का सार तत्व परमात्मा है। इसलिए असार यानी संसार के नश्वर भोग पदार्थों की प्राप्ति में अपने समय, साधन और सामर्थ को अपव्यय करने की जगह हमें अपने अंदर स्थित परमात्मा को प्राप्त करने का लक्ष्य रखना चाहिए। इसी से जीवन का कल्याण संभव है। कथा में पहुंचे सैयदराजा विधायक सुशील सिंह ने कथा व्यास को माल्यार्पण कर आशीर्वाद ग्रहण किया और आरती किया। आयोजक राममूर्ति पाण्डेय, अखिलेश पाण्डेय, उमेश पाण्डेय, दुर्गेश पाण्डेय ने विधायक का स्वागत माल्यार्पण व अंगवस्त्र देकर किया।
इस दौरान डॉ बी के त्रिपाठी, डॉ. किशोर जोशी, आलोक पाण्डेय, बब्बू सिंह, पूर्व प्रधान सलटू शर्मा, कपिलदेव मिश्रा, जगदीश पाण्डेय सहित सैकड़ों लोग उपस्थित रहे।
रिपोर्ट- घूरेलाल कन्नौजिया चन्दौली।