क्या बाढ़ से पहले ही डूब जाएंगी उम्मीदें: रेहान खान बोले मानसून दरवाजे पर है, बचाव अधूरा।
उत्तर प्रदेश, लखीमपुर खीरी-: पलिया तहसील को बाढ़ से बचाने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने 22 करोड़ 23 लाख रुपये की लागत से एक बड़ी परियोजना शुरू की थी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्वयं पलिया पहुंचकर इसका निरीक्षण किया था। इसके बाद जलशक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह और क्षेत्रीय विधायक रोमी साहनी भी इस कार्य की निगरानी के लिए कई बार मौके पर पहुंचे। हाल ही में लखनऊ मंडल की आयुक्त रोशन जैकब ने भी निरीक्षण कर अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए थे कि मानसून आने से पहले सभी कार्य गुणवत्ता और समयसीमा के अनुरूप पूरे कर लिए जाएं। लेकिन ज़मीनी सच्चाई इससे अलग है।
बाढ़ खंड विभाग का दावा है कि परियोजना का 70 प्रतिशत कार्य पूरा हो चुका है, जबकि किसानों और ग्रामीणों का कहना है कि केवल 50 प्रतिशत ही कार्य हुआ है। इस देरी को लेकर किसानों ने जिलाधिकारी को ज्ञापन भी सौंपा है और चेतावनी दी है कि अगर जल्द काम पूरा नहीं हुआ, तो एक बार फिर पलिया को बाढ़ की त्रासदी झेलनी पड़ सकती है। इसी बीच समाजवादी पार्टी के प्रदेश सचिव रेहान खान ने सरकार को कठघरे में खड़ा करते हुए गंभीर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा मानसून दरवाजे पर है लेकिन सरकार अब भी फाइलों और दावों में उलझी हुई है लगभग 22 करोड़ खर्च हो रहे लेकिन धरातल पर नतीजा जीरो है मुख्यमंत्री आए मंत्री आए मंडल आयुक्त विधायक की निगरानी भी रही मगर काम की गति और गुणवत्ता दोनों पर सवाल है यह सिर्फ दिखावे की परियोजना बनकर रह गई है उन्होंने कहा सरकार किसानों को झूठे वादों में उलझा रही है जब बाढ़ आएगी तो फिर जिम्मेदार कौन होगा अगर समय रहते कार्य पूरा नहीं हुआ तो समाजवादी पार्टी आंदोलन करेगी और हर स्तर पर सरकार को जवाब देह ठहराया जाएगा।
रेहान खान ने यह भी मांग की कि इस परियोजना की निष्पक्ष जांच कराई जाए और यह बताया जाए कि 22 करोड़ रुपये आखिर कहां खर्च हुए। अब जब मानसून दरवाजे पर दस्तक दे चुका है, तो पलिया की जनता की निगाहें शासन और प्रशासन पर टिकी हैं। सवाल सिर्फ़ बाढ़ का नहीं, भरोसे का भी है क्या इस बार वादे निभेंगे, या फिर एक बार फिर पलिया की उम्मीदें पानी में बह जाएंगी।
रिपोर्ट- मोहम्मद असलम, संवाददाता, लखीमपुर खीरी।