खीरी टाउन हाल्ट: जहां ट्रेन रुकती है-पर उम्मीद नहीं।
कभी किसी स्टेशन पर ट्रेन कुछ पल रुकती है, फिर चल देती है लेकिन क्या आपने सोचा है, उस कुछ पल की रुकावट से भी कोई जिंदगी जुड़ी होती है।
उत्तर प्रदेश, लखीमपुर खीरी-: खीरी टाउन हाल्ट, उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी जिले का एक ऐसा रेलवे ठहराव, जहां अब ट्रेन तो रुकती है-वो भी कुछ क्षणों के लिए- लेकिन यात्रियों की उम्मीदें जैसे प्लेटफॉर्म पर ही छूट जाती हैं। यह हाल्ट उस पुराने स्टेशन का नया नाम है, जिसे कभी अंग्रेजों ने बनवाया था और जो एक समय कस्बे की पहचान हुआ करता था।
यहां केवल कुछ सवारी गाड़ियां रुकती हैं- वो भी कुछ सेकंड के लिए। एक्सप्रेस ट्रेनों को यहां रुकने की अनुमति तक नहीं है। नतीजा, 70,000 से ज़्यादा की आबादी और आसपास के दर्जनों गांवों के लोग मजबूर हैं, दूर-दराज के स्टेशनों की ओर जाने को। बुज़ुर्ग, महिलाएं, मरीज, स्कूली बच्चे- सब के लिए यह ठहराव अब केवल एक बाधा बन गया है।
ट्रेन की सीटी तो बजती है, लेकिन वो खीरी टाउन को नहीं सुनाती- वो शहरों को जोड़ती है, गांवों को नहीं।
बुनियादी सुविधाएं गायब स्टेशन कहने को तो मौजूद है, लेकिन सुविधाओं के नाम पर शून्य,न बैठने की कोई उचित व्यवस्था,न पीने के पानी का इंतजाम,न टिकट बांटने वाला कर्मी।
यह स्टेशन नहीं, एक उपेक्षित विरासत है, ऐसा कहना है स्थानीय निवासी रामसिंह का, जो हर दिन यहां से 10 किमी दूर जाकर ट्रेन पकड़ते हैं।
वर्षों से कस्बे के लोग मांग कर रहे हैं कि एक्सप्रेस ट्रेनों का भी खीरी टाउन पर ठहराव हो। कई बार रेल मंत्री को पत्र भेजे गए, सांसदों ने संसद में मांग उठाई, स्थानीय निकायों ने ज्ञापन सौंपे। वर्तमान सांसद उत्कर्ष वर्मा ने भी इस मुद्दे पर रेल मंत्रालय से मुलाकात की। मगर नतीजा आज भी वही टूटी हुई बिल्डिंग, वही झाड़-झंखाड़, और वही कुछ सेकंड की रुकावट।
यह सवाल सिर्फ एक स्टेशन का नहीं है, बल्कि उस पूरे समुदाय का है जो रेलवे के माध्यम से जुड़ना चाहता है- शिक्षा, रोजगार, स्वास्थ्य और समाज से। क्या खीरी टाउन की जनता एक्सप्रेस नहीं, सिर्फ इंतजार के लायक है।
स्टेशन के बाहर लगे पीले बोर्ड पर लिखा है- खीरी टाउन हाल्ट
लेकिन उस बोर्ड के पीछे दर्ज है- सदियों की उम्मीद, सालों की उपेक्षा और आज की चुप्पी।
ये सिर्फ पटरियों की बात नहीं है, ये उनके हक़ की बात है जो हर रोज़ इस हाल्ट से गुजरते हैं-बिना रुके, बिना पूछे।
रिपोर्ट- मोहम्मद असलम, संवाददाता, राष्ट्रीय न्यूज टुडे, लखीमपुर खीरी।