उत्तर प्रदेश, सकलडीहा/चंदौली-: पीजी कॉलेज सकलडीहा चंदौली में बुधवार को “पढ़े महाविद्यालय ,बढ़े महाविद्यालय” कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में महाविद्यालय के प्राचार्य एवं कार्यक्रम अध्यक्ष प्रो.प्रदीप कुमार पाण्डेय ने कहा कि यदि भारत को विश्व गुरु बनना है तो सर्वप्रथम अपने अंदर पुस्तकीय पठान को विकसित करना पड़ेगा। क्योंक पढ़ने से ही कोई भी नया परिवर्तन और नयापन आता है।
शिक्षा भगवान शिव का तीसरा नेत्र होता है। प्रो. दया शंकर सिंह यादव ने कहा कि डिजिटल तकनीक युग में यदि हम प्रमाणिक ज्ञान की बात करें तो वह हमें पुस्तक देती हैं इसलिए पुस्तक पढ़ना ही सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण है। डॉ. अजय सिंह यादव ने कहा कि सीखने की सभी स्किलों में पढ़ने का स्कील सबसे महत्वपूर्ण साधन है। इस कार्यक्रम के साथ ही विद्यार्थियों को पुस्तक की अध्ययन स्किल का प्रशिक्षण दिया गया। इस कार्यक्रम का संचालन कार्यक्रम समन्वयक यज्ञ नाथ पाण्डेय द्वारा किया। वहीं कार्यक्रम में मुख्य रूप से डॉ.इंद्रजीत सिंह ,डॉ. मनीष राय, डॉ. अभय वर्मा, डॉ. पवन कुमार ओझा ,डॉ. जितेंद्र यादव एवं अनेक प्राध्यापक एवं कर्मचारी गण उपस्थित रहे।
रिपोर्ट- राजन सिंह, चन्दौली।