उत्तर प्रदेश, चन्दौली/चहनियां-: गर्मी व मच्छरों के बढ़ते प्रकोप के बीच विद्युत विभाग की लापरवाही और अंधाधुंध कटौती से हकलान मारूफपुर, चहनियाँ, सुरतापुर विद्युत उपकेंद्रों से जुड़े गांव के लोगों के मुंह से बरबस निकलने लगा है कि इससे अच्छा होता यदि बिजली आती ही नहीं।
उत्तर प्रदेश की योगी सरकार गांव और शहरों में निर्बाध विद्युत आपूर्ति का दावा लगातार करती आ रही है। इसके उलट चहनिया ब्लॉक में स्थित तीन तीन विद्युत उपकेंद्र मारूफपुर, सुरतापुर व चहनियां से जुड़े गाँवों में इन दिनों महज 5-6 घंटे विद्युत आपूर्ति हो पा रही है। गेंहू कटाई के नाम पर सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक घोषित कटौती जारी है तो अघोषित कटौती में सुबह 5 बजे से 8 बजे तक और शाम 5 बजे से 7:30 बजे तक कटौती की जा रही है। उसके बाद भी हर एक घंटे के बाद 10-10 मिनट की ट्रिपिंग सहित 30-40 मिनट की कटौती भी की जा रही है। हद तो बीते दो दिनों से हो गयी है जब मात्र दो घंटे ही बिजली सप्लाई क्षेत्र में मिल पायी। इस सम्बन्ध में उपभोक्ता रमेश, शिवम, अमित, प्रमोद, सुदर्शन, रवि, सुब्हान आदि ने बताया कि इससे अच्छा बिजली आती ही नहीं तो लोग रात को मच्छरदानी आदि लगाकर सोते कि रात भर रातजगा नहीं करना पड़ता। मोहन, प्रदीप, अनिल आदि ने कहा कि मारूफपुर के जेई अजय सिन्हा, चहनियाँ जेई सुभाष यादव व सुरतापुर जेई संतोष कुमार रात्रि निवास वाराणसी जैसे शहरों में करते है इसलिए इन लोगों को बिजली दुर्व्यवस्था और कटौती से कोई लेना देना नहीं रहता है और न ही शिकायतों पर कार्यवाही करते है। ऐसे में बिजली का निजीकरण ही उपभोक्ताओं के लिये सही साबित होता। मनोज, स्वारथ आदि ने नाराजगी प्रकट करते हुए जिलाधिकारी से लापरवाह विद्युत कर्मियों पर कड़ी कार्यवाही करने की मांग किया है।
रिपोर्ट- घूरेलाल कन्नौजिया चन्दौली।