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बदायूँ/बिसौली-:इस्लाम एक मुकम्मल ज़ाबता हयात है। जिसमें ज़िन्दगी के हर पहलू के मुताबिक रहनुमाई मौजूद है-कारी इफ्तेखार हुसैन अशरफी

(उत्तर प्रदेश) बदायूँ/बिसौली-: ईद मिलादुन्नबी के मौके पर तंजीम उलामा व हुफ्फाज की ओर से एक जलसे का एहतमाम किया गया। जिसमें उलेमाओं ने अपने-अपने विचार व्यक्त किए।
कारी इफ्तेखार हुसैन अशरफी ने अपनी तकरीर में कहा दरअसल इस्लाम एक मुकम्मल ज़ाबता हयात है। जिसमें ज़िन्दगी के हर पहलू के मुताबिक रहनुमाई मौजूद है। प्यारे नबी ने आज से 14 सौ साल पहले जो सुन्नत इख्तियार की थी, और उन पर अमल करने का हुक्म दिया था आज विज्ञान भी इन हुक्मो को सही मान रहा है…। मौलाना शादाब रजा ओवैसी ने कहा प्यारे नबी ने जहां सोने से पहले वजू के साथ सोने का हुक्म दिया, तो वहीं नमाज़ से पहले दांत साफ करने का हुक्म भी मौजूद है। इधर विज्ञान कहता है कि ऐसा करने से इंसान दांतो की बीमारी के साथ-साथ दिल और कई बीमारियों से भी महफूज़ रहता है…। शरीफ रजा जामी ने कहा नबी करीम के हुक्म और सुन्नत से साबित होता है, कि सोने से पहले अपने बिस्तर को तीन बार झाड़ लेना चाहिए। ज़ाहिर तो ऐसा लग रहा है कि इस हुक्म का मकसद बिस्तर पर कीड़े मकोड़ों या किसी और नुकसान देह चीज़ साफ करना है। लेकिन वैज्ञानिक तहकीकात में ऐसा होशरबा खुलासा हुआ है कि आप भी दंग रह जाएंगे। कैसे नबी करीम ने 14 सौ साल पहले ही अपनी उम्मत को बचाव की तदबीर बता दीं…। उन्होंने कहा विज्ञान के मुताबिक इंसानों के जिस्म में मीटाबोलज़म का अमल 24 घंटे जारी रहता है। जिससे हर पल सैकड़ों नए सेल बनते और पुराने टूटते हैं। हैरत अंगेज़ बात ये है कि सोने के दौरान जिस्म में टूटने वाले सेल बिस्तर पर ही गिर जाते हैं, जो बहुत छोटे होने की वजह से नज़र नहीं आते। अगर बिस्तर बिना झाड़े़ लेट जाएं तो यह मुर्दा सेल जिस्म में दाखिल हो कर कई खतरनाक बीमारियों का सबब बनते हैं, और विज्ञान ने भी यही साबित किया है, कि उनके मुर्दा सेलों को साफ करने के लिए बिस्तर कम अज़ कम तीन बार झाड़ना ज़रूरी होता है, और ऐसा करने से खतरा टल जाता है…। श्री जामी ने बताया नबी करीम ने सोते हुए दाईं करवट पर लेटने का हुक्म भी दिया है, और इसमें विज्ञान का कहना है कि ऐसा करने से दिल पर दबाव कम होता है, जिससे दिल सही बेहतर काम करता है, और सोने के दौरान भी पूरे जिस्म को खून की सपलाई सबसे अच्छे तरीके से होती है, जबकि दिल के दौरे का भी जोखिम कम हो जाते हैं…। इसके अलावा दाहिने करवट सोने से पेट भी ऊपर की तरफ होता है, और उसे रात में खाई जाने वाले खाने को पचाने में आसानी होती है। रात मे सोने के दौरान पेट में मौजूद खाना अच्छी तरह हज़म होता है, जिससे इंसान बेदार होने पर खुद को ताज़ा महसूस करता है।

रिपोर्ट-:आईएम खान

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