लिपिक से मारपीट के विरोध में कर्मचारियों ने दी कार्य बहिष्कार की चेतावनी।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय में अधिवक्ताओं का हंगामा, सुरक्षा व्यवस्था पर उठे सवाल।
घूरेलाल कन्नौजिया, संवाददाता
चंदौली। मुख्य चिकित्सा अधिकारी (CMO) कार्यालय में बुधवार को उस वक्त हंगामा खड़ा हो गया जब रिमेडिकल प्रक्रिया के दौरान अधिवक्ता विनोद कुमार सिंह अपने करीब दस साथियों के साथ कार्यालय पहुँचे और सहायक कनिष्ठ लिपिक पंकज कुमार के साथ कथित तौर पर मारपीट की। इस घटना ने पूरे कार्यालय परिसर में अफरा-तफरी मचा दी।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, अधिवक्ताओं ने न केवल पंकज कुमार से गाली-गलौज की, बल्कि जान से मारने की धमकी भी दी। घटना की जानकारी मिलते ही सदर कोतवाली की पुलिस मौके पर पहुंची और स्थिति को नियंत्रण में लिया। इसके साथ ही मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. युगल किशोर राय भी तत्काल घटनास्थल पर पहुंचे और पूरे घटनाक्रम की जानकारी ली।
घटना के विरोध में कार्यालय के कर्मचारियों ने एकजुट होकर लिपिक के समर्थन में मोर्चा संभाल लिया। पीड़ित पंकज कुमार और अन्य कर्मचारियों ने CMO को ज्ञापन सौंपा, जिसमें दोषियों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की मांग की गई है। कर्मचारियों ने चेतावनी दी है कि यदि जल्द कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई, तो वे सामूहिक रूप से कार्य बहिष्कार करेंगे।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. युगल किशोर राय ने मामले को गंभीर मानते हुए कहा कि वे स्वयं जिलाधिकारी से मिलकर पूरी घटना की जानकारी देंगे और अधिवक्ताओं के खिलाफ विधिक कार्रवाई की मांग करेंगे। उन्होंने स्पष्ट कहा कि कर्मचारियों की सुरक्षा से कोई समझौता नहीं किया जाएगा।
लिपिक संघ का अल्टीमेटम।
इस पूरे मामले में लिपिक संघ भी सक्रिय हो गया है। संघ के पदाधिकारियों ने चेतावनी दी है कि यदि पीड़ित लिपिक को न्याय नहीं मिला, तो जिले भर में कार्य बहिष्कार किया जाएगा। उनका कहना है कि यह सिर्फ एक कर्मचारी पर हमला नहीं है, बल्कि पूरे प्रशासनिक तंत्र की गरिमा और सुरक्षा पर सीधा हमला है।
अब यह देखना अहम होगा कि जिला प्रशासन इस गंभीर मामले में कितनी तत्परता से कार्रवाई करता है और क्या दोषियों को सजा दिलाने में सक्षम साबित होता है।