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बलरामपुर: पचपेड़वा का जूड़ीकुइयां चौराहा बना झोलाछाप डॉक्टरों का अड्डा, ऑपरेशन के दौरान जच्चा-बच्चा की दर्दनाक मौत।

पचपेड़वा का जूड़ीकुइयां चौराहा बना झोलाछाप डॉक्टरों का अड्डा, ऑपरेशन के दौरान जच्चा-बच्चा की दर्दनाक मौत।

स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही से फल-फूल रहे अवैध अस्पताल, जच्चा-बच्चा दोनों की गई जान।

गुलाम नबी कुरैशी, संवाददाता 

बलरामपुर। जनपद के पचपेड़वा क्षेत्र अंतर्गत जूड़ीकुइयां चौराहा इन दिनों झोलाछाप डॉक्टरों का गढ़ बनता जा रहा है। स्वास्थ्य विभाग की अनदेखी और जिम्मेदार अधिकारियों की चुप्पी के कारण क्षेत्र में बिना रजिस्ट्रेशन और योग्यता के अस्पताल संचालन की घटनाएं आम होती जा रही हैं।

ताजा मामला जूड़ीकुइयां स्थित मिशा हेल्थ केयर सेंटर का है, जहां एक झोलाछाप चिकित्सक द्वारा एक गर्भवती महिला का अवैध रूप से ऑपरेशन किया गया। ऑपरेशन के दौरान ही जच्चा और बच्चा दोनों की मौत हो गई। घटना के बाद अस्पताल में हड़कंप मच गया। आरोप है कि ऑपरेशन करने वाला फर्जी डॉक्टर मौके से फरार हो गया, और महिला का शव वहीं छोड़ दिया।

स्थानीय लोगों द्वारा सूचना दिए जाने पर पचपेड़वा पुलिस मौके पर पहुंची और शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा। घटना के बाद से परिजनों में कोहराम मचा है और क्षेत्रीय लोगों में स्वास्थ्य विभाग के प्रति गहरा आक्रोश देखने को मिला।

ग्रामीणों का आरोप है कि जूड़ीकुइयां चौराहे पर वर्षों से कई झोलाछाप डॉक्टरों द्वारा क्लीनिक चलाए जा रहे हैं, लेकिन स्वास्थ्य विभाग की ओर से इन पर कोई कार्रवाई नहीं की जाती। लोग सवाल कर रहे हैं कि आखिर सीएमओ और स्वास्थ्य विभाग की निगरानी में ये अवैध अस्पताल कैसे फल-फूल रहे हैं?

इस दुखद घटना ने एक बार फिर से ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं की दुर्दशा और सरकारी तंत्र की निष्क्रियता को उजागर कर दिया है। यदि समय रहते कठोर कदम न उठाए गए, तो ऐसे झोलाछाप डॉक्टर और कितनी जानों को निगलते रहेंगे, इसका अनुमान लगाना कठिन है।

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