कैंची धाम स्थापना दिवस पर युवा व्यापारियों ने किया भंडारा।
विधि विधान से पूजा पाठ के बाद हुई भंडारे की शुरूआत।
उत्तर प्रदेश, बलरामपुर-: विश्व विख्यात बाबा नीम करोली के कैंची धाम स्थापना दिवस पर विशाल भंडारे का आयोजन किया गया। दोपहर में पूजा पाठ के बाद शुरू हुआ भंडारा शाम तक चलता रहा।
रविवार को भगवतीगंज के भरत मिलाप चौराहे पर युवा व्यापारियों के द्वारा कैंची धाम के स्थापना दिवस पर विशाल भंडारे का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारम्भ हनुमान जी महाराज व बाबा नीम करोली के चित्र पर विधि विधान से पूजा पाठ व आरती से हुई। जिसके बाद भंडारे का शुभारम्भ किया गया। व्यापारियों ने भंडारे में गीला चना, लस्सी, व शीतल पेय आदि वितरित किया।
इस दौरान पूरा भरत मिलाप चौराहे बाबा नीम करोली के भजनों व गीतो से गुंजायमान रहा। भंडारे के दौरान सुनील वर्मा, अजय मोदनवाल, प्रमोद गुप्ता, रवि गुप्ता, आशीष गुप्ता, प्रशांत सिंह, पिंटू मोदनवाल, राम बाबू मोदनवाल, दीपक गुप्ता, सतीश, प्रहलाद, शिवम, मोहित, महेश, परवेश, लड्डूलाल, प्रवीन, यार मोहम्मद, आकाश, सोनू, पिंटू जायसवाल, प्रशांत, प्रकाश, रणधीर मोदनवाल आदि व्यापारी मौजूद रहे।
15 जून की क्या है मान्यता ?
मान्यता के अनुसार नीम करोली बाबा ने स्वयं कैंची धाम का प्रतिष्ठा दिवस 15 जून को तय किया था। नीम करोली बाबा ने 10 सितंबर 1973 को महासमाधि ली थी और भौतिक शरीर को छोड़ा। उनके अस्थि कलश को कैंची धाम में स्थापित किया गया था और इस तरह बाबा के भक्तों ने बाबा के मंदिर का निर्माण कार्य 1974 में शुरू किया। 15 जून 1976 को महाराज की मूर्ति की स्थापना और अभिषेक किया गया। उस समय सभी ने नीम करोली बाबा की भौतिक उपस्तिथि को महसूस किया। फिर वैदिक मंत्रोचार के साथ विशिष्ट विधि से बाबा की मूर्ति की स्थापना हुई और नीम करोली बाबा कैंची धाम में गुरुमूर्ति रूप में विराजित हुए।
रिपोर्ट- गुलाम नबी कुरैशी, संवाददाता, राष्ट्रीय न्यूज टुडे, बलरामपुर।