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बदायूँ-: जनपद न्यायाधीश ने कराया संविधान की प्रस्तावना का पाठन विधिक साक्षरता व जागरूकता कार्यक्रम तथा कार्यशाला का हुआ आयोजन।

(उत्तरप्रदेश) बदायूँ -:  जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, बदायूं के तत्वाधान में मंगलवार को प्रातः 09ः00 बजे से जनपद न्यायालय परिसर में स्थित केन्द्रीय सभागार, बदायूं में लीगल सर्विस यूनिट फॉर चिल्ड्रन (एलएसयूसी) के अन्तर्गत गठित कमेटी को विभिन्न सरकारी संस्थाओं व गैर सरकारी संस्थाओं के रिसोर्स पर्सन द्वारा द्वितीय दिवस का प्रशिक्षण मंगलवार को दिया गया। संविधान दिवस के अवसर पर जनपद न्यायाधीश/अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण मनोज कुमार तृतीय की अध्यक्षता में संविधान की प्रस्तावना का पाठन किया गया। संविधान दिवस के अवसर पर नेहरू मेमोरियल शिवनारायण दास महाविद्यालय में विधिक साक्षरता/विधिक जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। शिविर का शुभारम्भ सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण शिव कुमारी की अध्यक्षता में माँ सरस्वती की प्रतिमा पर मार्ल्यापण एवं दीप प्रज्जवलित कर किया गया।
लीगल सर्विस यूनिट फॉर चिल्ड्रन (एलएसयूसी) प्रशिक्षण कार्यक्रम के प्रारम्भ में माननीय अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश/विशेष न्यायाधीश, पोक्सो एक्ट, बदायूं, श्री दीपक यादव, द्वारा अपने वक्तव्य में बताया कि बालिकाओं को शिक्षित होना चाहिए व इसके अतिरिक्त गुड टच, बैड टच के वारे में भी बालिकाओं को जागरूक होना चाहिए। बालिकायें अधिकतर पारिवारिक सम्बन्धों में ही यौन-शोषण की शिकार होकर रह जाती हैं। इसके अतिरिक्त पोक्सो अधिनियम के वारे में विस्तार पूर्वक जानकारी प्रदान की गयी।


अध्यक्ष, बाल कल्याण समिति, बदायूं श्री नन्द किशोर पांडे द्वारा अपने वक्तव्य में बताया कि सी0डब्लू0सी0 का मुख्य कार्य पीड़ित बच्चों की आयु की गणना ग्राम पंचायत व नगरपालिका द्वारा प्रदत्त जन्म प्रमाण-पत्र या शैक्षिक प्रमाण-पत्र के आधार पर की जाती है यदि उक्त प्रमाण-पत्र उपलब्ध न होनें की दशा में चिकित्सीय परीक्षण अन्तिम रूप से वैध माना जाता है।


सदस्य, बाल कल्याण समिति, बदायूं, श्रीमती ममता मालपाड़ी, द्वारा अपने वक्तव्य में बताया कि बालिकाओं के अधिकारों के वारे में ऐसे जागरूकता कार्यक्रम समय-समय पर होते रहने चाहिए जिससे महिलाओं व बालिकाओं को सशक्त व आत्मनिर्भर बनाया जा सके। कारापाल, जिला कारागार, बदायूं, श्री कुंवर रणंजय सिंह, द्वारा अपने वक्तव्य जिला कारागार, बदायूं में निरूद्ध महिला बन्दियों को पी0सी0ओ0 कॉल की सुबिधा कोरोना काल से प्रारम्भ की गयी थी जोकि वर्तमान में भी सुचारू रूप से क्रियान्वत है, इसके माध्यम से महिला बन्दियों के साथ रह रहे उनके बच्चों को अपने परिवारीजन से पांच मिनट बात करने की सुबिधा दी जाती है व ऐसी महिला बन्दी जो करवाचौथ पर्व का उपवास करतीं हैं उन्हें उनके पतियों से वीडियों कान्फ्रसिंग के माध्यम से पूजा अर्चना करने की अनुमति दी जाती है।
सदस्य, किशोर न्याय बोर्ड, बदायंू, श्री अरविन्द गुप्ता, द्वारा अपने वक्तव्य में बताया कि किसी भी किशोर अपराधी को किसी अपराध के तहत अधिकतम 03 वर्ष से अधिक की सजा नहीं दी गयी है, अपितु ऐसे मामलों सामन्य दंड यथा पौधारोपण व सामाजिक कार्य में लगा दिया जाता है इसके अतिरिक्त किशोर न्याय बोर्ड में संचालित गतिविधिओं के वारे में विस्तार पूर्वक बताया।


मनोचिकित्सक, जिला पुरूष अस्पताल, बदायूं, डा0 सर्वेश कुमारी, द्वारा अपने संक्षिप्त वक्तव्य में शासकीय टोल फ्री नम्बर 14416 पर कॉल कर किसी भी समस्याओं के वारे में निदान प्राप्त कर सकतें हैं। बाल संरक्षण अधिकारी, श्री रवि कुमार, द्वारा अपने वक्तव्य में सरकार द्वारा संचालित सभी योजनाओं के वारे में विस्तार पूर्वक बताया तथा प्रोजेक्टर के माध्यम से शार्ट/लघु चलचित्र के द्वारा नालसा की थीम हक हमारा भी है का सौन्ग प्रचालित कर कार्यक्रम में उपस्थित सभी को प्रशिक्षणार्थियों को अभिभूत किया। इसी क्रम में उक्त कार्यक्रम की संचालनकर्ता, सुश्री कशिश सक्सेना, द्वारा अपने वक्तव्य में संविधान में वर्णित अनुच्छेद-14, समानता का अधिकार, अनुच्छेद-39ए, अनुच्छेद-21 व विधिक सेवा अधिनिमय-1987 आदि के वारे में विस्तार पूर्वक बताया गया।लीगल सर्विस यूनिट फॉर चिल्ड्रन (एलएसयूसी) प्रशिक्षण कार्यक्रम में अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश/सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, बदायूं, श्रीमती शिव कुमारी द्वारा उक्त कार्यक्रम के परिप्रेक्ष्य में मिली-जुली प्रतिक्रियायें एवं उपस्थित सभी प्रशिक्षक/रिसोर्स पर्सनों का धन्यवाद व्यक्त करते हुए कार्यक्रम का समापन किया गया।
इसी क्रम में मंगलवार को संविधान दिवस के अवसर पर माननीय जनपद न्यायाधीश/अध्यक्ष, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, बदायूं, श्री मनोज कुमार-तृतीय की अध्यक्षता में समस्त सम्मानित न्यायिक अधिकारीगण, तृतीय श्रेणी कर्मचारीगण एवं चतुर्थ श्रेणी कर्मचारीगण द्वारा संविधान की प्रस्तावना का पाठन किया गया। इसके अतिरिक्त जनपद बदायूं की समस्त तहसील, विधिक सेवा समितियांे व जिला कारागार बदायूं में विभिन्न विधिक साक्षरता/जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। इसके अतिरिक्त जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, बदायूं द्वारा मंगलवार को संविधान दिवस के अवसर पर नेहरू मेमोरियल शिवनारायण दास महाविद्यालय, बदायूं, में विधिक साक्षरता/विधिक जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। उक्त शिविर का शुभारम्भ श्रीमान अपर जिला जज/सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, बदायूं, श्रीमती शिव कुमारी की अध्यक्षता में माँ सरस्वती की प्रतिमा पर मार्ल्यापण एवं दीप प्रज्जवलित कर किया गया।


इस अवसर पर श्रीमान अध्यक्ष, न्यायालय स्थायी लोक अदालत, बदायूं, श्री काली चरन, अपर जनपद न्यायाधीश/सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, बदायूं, श्रीमती शिव कुमारी, जेलर, जिला कारागार, बदायूं, श्री कुंवर रणंजय सिंह, डिप्टी चीफ, एल0ए0डी0सी0, बदायूं, श्री सत्यवीर सिंह, सम्मानित नामिका अधिवक्तागण, पराविधिक स्वयंसेवकगण, नेहरू मेमोरियल शिवनारायण दास महाविद्यालय, बदायूं, के प्राचार्य, डॉ0 आशीष कुमार सक्सेना, प्राध्यापक, श्री मनवीर सिंह, विद्वान अधिवक्ता, श्रीमती शालिनी रामगोपाल, एवं विद्यायलय के समस्त प्राध्यापक एवं कर्मचारीगण उपस्थित रहे।
डेस्क-: राष्ट्रीय न्यूज़ टुडे।

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